आलू क्या है, इसका क्या उपयोगिता है? इससे विभिन्न प्रकार के व्यंजन कौन से बन सकते हैं? क्या इसका प्रयोग औषधि रूप में भी किया जा सकता है? विभिन्न स्थानों पर इसका क्या नाम है? आलू में कौन-कौन से तत्व पाए जाते हैं? यदि आप आलू से संबंधित विभिन्न प्रकार के सवालों की जानकारी ग्रहण करना चाहते हैं, तो आप सही पोस्ट को पढ़ रहे हैं। इस पोस्ट में kaupix.com की टीम ने आलू से संबंधित बहुत सारी चीजों को सम्मिलित करने की कोशिश की है –
सामान्य परिचय
आलू, भारत की सबसे महत्वपूर्ण सब्जी है। यह विश्व में चीन के बाद दूसरे स्थान पर सबसे ज्यादा पैदावार करती है। भारत में कोई ऐसा घर शायद ही बचा हो, जिस घर में आलू की सब्जी प्रतिदिन नहीं बनती हो। भारत के लोग आलू को सिर्फ सब्जी के रूप में ही प्रयोग नहीं करते बल्कि यह एक आयुर्वेदिक दवाओं के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। इसमें सौंदर्यवर्धक गुण भी पाए जाते हैं।आलू दुनिया भर में सबसे महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थों में से एक है इसकी बहुमुखी प्रतिभा स्वाद और पोषण तथा आयुर्वेदिक गुणों के लिए बहुमूल्य है।
आलू (Aloo)के विभिन्न नाम
- अंग्रेजी में पोटैटो कहा जाता है।
- हिंदी मराठी गुजराती पंजाबी बंगाली उड़िया असमिया और नेपाली जैसे भारत के राज्यों में इसे आलू के नाम से जाना जाता है।
- हिमाचल प्रदेश में इसे गेंठू कहा जाता है।
- तमिल और मलयालम में इसे आलूकन्द कहा जाता है।
- कन्नड़ में इसे बटटा कहा जाता है।
- तेलुगु में इसे कंदूर कहा जाता है।
आलू का वैज्ञानिक या वानस्पतिक नाम
आलू का संबंध सोलेनम प्रजाति से है, यह ट्यूबरोसम जाति से संबंध रखता है। आलू सोलेनेसी कुल या वंशज का है। आलू,जो भूमिगत पैदा होते हैं। सोलेनेसी परिवार की अन्य सब्जियां जैसे टमाटर, मिर्च, बैगन और भिंडी भी शामिल है।
इसीलिए आलू को वनस्पति या वैज्ञानिक नाम के रूप में सोलेनम ट्यूबरोसम(Solanum Tuberosum) कहा जाता है।
आलू का उपयोग
दुनिया भर में आलू का उपयोग विभिन्न प्रकार से किया जाता है-
- आलू को उबालकर डालकर भूनकर कारी में सलाद में और स्टू में भोजन के रूप में प्रयोग किया जाता है।
- आलू का इस्तेमाल चिप्स बनाने में भी किया जाता है।
- आलू के उपयोग से आटा बनाया जाता है, जिससे रोटी, पास्ता और नूडल भी बनाए जाते हैं।
- कई जगहों पर आलू का मीठा हलवा भी बनता है।
- आलू की सब्जियां, आलू कढ़ी, आलू टिक्की, आलू पराठा,आलू भर्ता,आलू चाट, समोसा, छोले भटूरे इत्यादि भी बनाए जाते हैं।
- आलू से स्नैक्स, फ्रेंच फ्राइज, आलू चिप्स, वडा पाव, पनीर पूरी इत्यादि भी बनाए जाते हैं।
- आलू का उपयोग औषधि रूप में त्वचा, पाचन, बुखार,जुखाम, रक्तचाप नियंत्रण, हृदय स्वास्थ्य, सौंदर्य तथा सूजन कम करने इत्यादि में भी औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है।
- आलू से स्टार्च, वोडका, एथेनॉल इत्यादि भी बनाए जाते हैं।
- आलू एक बहुमुखी सब्जी है जिससे अनगिनत संभावनाएं हैं।
आलू के विभिन्न प्रकार
आलू आकार में रंग में स्वाद में विविधता पूर्ण होते हैं कहीं-कहीं यह लाल रंग, सफेद, पीले, बैगनी,गुलाबी, हरे और विभिन्न रंगों में भी पाए जाते हैं।
आलू के कुछ लोकप्रिय किस्म के नाम
उत्तर भारत के लिए:
- कुफरी सुजो: यह एक शीघ्र परिपक्व होने वाली किस्म है जो उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में लोकप्रिय है। यह तलने और करी बनाने के लिए उपयुक्त है।
- कुफरी लखनऊ: यह किस्म भी उत्तर भारत में लोकप्रिय है और इसे उबालने, तलने और चिप्स बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
- कुफरी चंद्रमुखी: यह एक बहुमुखी किस्म है जिसे उबालने, तलने, करी बनाने और चिप्स बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
- कुफरी शताब्दी: यह एक देर से पकने वाली किस्म है जो अच्छी भंडारण क्षमता रखती है। इसका उपयोग उबालने और करी बनाने के लिए किया जाता है।
- ज्योति: यह एक रोग प्रतिरोधी किस्म है जो उत्तर भारत के लिए उपयुक्त है। इसका उपयोग उबालने और करी बनाने के लिए किया जाता है।
दक्षिण भारत के लिए:
- आलू मेघा: यह दक्षिण भारत में लोकप्रिय एक शीघ्र परिपक्व होने वाली किस्म है।
- आलू सोना: यह किस्म भी दक्षिण भारत में लोकप्रिय है और इसका उपयोग उबालने, तलने और चिप्स बनाने के लिए किया जाता है।
- आलू जागिर: यह एक बहुमुखी किस्म है जिसे उबालने, तलने, करी बनाने और चिप्स बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
- आलू पुखराज: यह एक देर से पकने वाली किस्म है जो अच्छी भंडारण क्षमता रखती है। इसका उपयोग उबालने और करी बनाने के लिए किया जाता है।
- आलू सारस: यह एक रोग प्रतिरोधी किस्म है जो दक्षिण भारत के लिए उपयुक्त है। इसका उपयोग उबालने और करी बनाने के लिए किया जाता है।
- इसके अलावा विभिन्न प्रजातियां हैं जैसे-
- कुफरी लाल
- कुफरी चंद्रमुखी
- फ्रेंच फ्राइज
- आलू गोला
- करी पत्ता
- शिमला मिर्च
- अर्का वैष्णवी
- यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि उपरोक्त केवल कुछ लोकप्रिय किस्मों का एक छोटा सा नमूना हैं। आपके क्षेत्र के लिए कौन सी किस्में सबसे उपयुक्त हैं, यह जानने के लिए आपको अपने स्थानीय कृषि विस्तार कार्यालय से संपर्क करना चाहिए।
आलू की पोषक तत्व
आलू में विटामिन सी, बी कंपलेक्स,आयरन, कैल्शियम,मैग्नीशियम, फास्फोरस इत्यादि तत्व पाए जाते हैं। इसमें कार्बोहाइड्रेट, फाइबर,स्टार्च इत्यादि भी पाए जाते हैं। यह ऊर्जा का एक अच्छा स्रोत है । यह पाचन के लिए भी अच्छा है। इसके अतिरिक्त आलू में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो रोगों से बचाने में बहुत मदद करते हैं।
आलू का संक्षिप्त इतिहास
आलू की उत्पत्ति दक्षिण अमेरिका के इंडीज पर्वतों में 8000 साल पहले हुई थी। लगभग 16वीं शताब्दी में स्पेनिश विजेताओं ने इसे यूरोप लाया था जहां इसकी खेती धीरे-धीरे बढ़ने लगी। भारत और अन्य देशों तक इस पहुंचने में 18वीं शताब्दी लग गई। लगभग 17 वीं में या 18 वीं शताब्दी तक यह भारत का अभिन्न अंग बन गया था। सभी स्थानीय आहार में इस प्रयोग किया जाने लगा।
आलू उत्पादन वैश्विक और राष्ट्रीय परिदृश्य संक्षिप्त में
- चीन,आलू का विश्व स्तर पर प्रथम उत्पादक देश है। यह आलू उत्पादन में कुल उत्पादन का 25 प्रतिशत 2021 के अनुसार उत्पादन करने वाला अग्रणी देश है।
- भारत, आलू उत्पादक का दूसरा सबसे बड़ा विश्व स्तरीय देश है। यह आलू उत्पादन में विश्व स्तर पर 15% उत्पादक हिस्सेदारी है। यह भारत का महत्वपूर्ण खाद्य स्रोत है।
रूस विश्व स्तर पर कुल उत्पादन का पांच प्रतिशत उत्पादन करने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश है। यह रूस का महत्वपूर्ण आहार भी है।
संयुक्त राज्य अमेरिका, लगभग 5% उत्पाद आलू उत्पादन करने वाला चौथा सबसे बड़ा देश है।
यूक्रेन विश्व स्तर पर दो प्रतिशत आलू उत्पादन करके पांचवें स्थान ग्रहण किया है।
जर्मनी, आलू उत्पादन का लगभग दो प्रतिशत आलू उत्पादन कर विश्व में छठवें स्थान पर है। - इस प्रकार पेरू सातवें स्थान पर और तुर्की आठवें स्थान पर,नीदरलैंड नवे स्थान पर और इटली दसवीं स्थान पर लगभग संपूर्ण उत्पादन का एक प्रतिशत उत्पादन करने वाला देश है।
यह सभी आंकड़े सन 2021 के अनुसार हैं।
भारत में उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, बिहार, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब क्रमशः अधिक आलू उत्पादन करने वाले राज्य हैं।
आलू की खेती संक्षिप्त जानकारी
- सिंचाई-नियमित और हल्की सिंचाई वी ड्रिप इरीगेशन दें
- निराई गुड़ाई-नियमित रूप से खरपतवार मुक्त करें और मिट्टी को ढीला रखें समय-समय पर एकीकृत कीट प्रबंधन और निगरानी करते रहें।
- कटाई- पत्तियां पीली और सुखी होने पर लगभग 90 से 120 दिन के अंदर सावधानी से कटाई करें की आलू कटने ना पाए।
- उपज- मानक आंकड़े के अनुसार 40 से 50 टन प्रति हेक्टेयर
आलू से बनने वाले कुछ औषधियां
आलू, सिर्फ एक सब्जी नहीं, भारतीय संस्कृति और भोजन का अभिन्न अंग होने के साथ-साथ इससे कुछ औषधियां भी बनाई जाती हैं जो निम्नवत है-
1.पाचन स्वास्थ्य-
- 1. पाचन शक्ति वर्धक – आलू में फाइबर की मात्रा अधिक होने से आलू का रस निकालकर खाली पेट पीने से, पाचन क्रिया को सुचारू बनाने तथा कब्ज दूर करने में मदद करता है।
2. एंटी अल्सर गुण- आलू में मौजूद स्टार्च और एंजाइम पेट के लिए अधिक फायदेमंद है जो पेट की जलन को काम करता है और
यदि किसी के पेट में अल्सर भी है तो आलू का रस फायदा करता है।
2. सूजन कम करने में-
- एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण– आलू में कैटेकोल, जेनेस्टीन और कौमारिन जैसे कई एंटी इन्फ्लेमेटरी योगिक होते हैं, जो शरीर के किसी भी हिस्से में सूजन को कम करने में लाभदायक होते हैं।
- गठिया रोग में राहत-आलू का नियमित सेवन करने से गठिया के लक्षणों जैसे की जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद मिलता है। दक्षिणी भारत में यह भ्रांति है की आलू ज्यादा खाने से वृद्धावस्था में घुटने में दर्द होता है,जो की सच्चाई से कोसों दूर है।
3. त्वचा स्वास्थ्य-
- त्वचा रोगों का इलाज- आलू का रस या कद्दूकस लेप, दाद,जलन, खुजली, एक्जिमा,सोरायसिस जैसी त्वचा संबंधी रोगों में लाभदायक है, क्योंकि इसमें एंटीसेप्टिक और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाया जाता है।
- सौंदर्य निखार- आलू का रस चेहरे पर लगाने से त्वचा में निखार और झुर्रियां कम होती है। इसके रस से त्वचा चमकदार बन जाता है क्योंकि इसमें विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है जो त्वचा को मुक्त करूं से होने वाले नुकसान से बचाती है।
4.रक्तचाप नियंत्रण
उच्च-रक्तचाप व हृदय स्वास्थ्य- आलू पोटेशियम का अच्छा स्रोत है जो रक्तचाप को कम करने और हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करती है। इसलिए उच्च रक्तचाप में आलू के छिलके का पानी पीने से उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
5. बुखार कम करने में-
बुखार में प्रायः खाने का मन नहीं करता है, ऐसी अवस्था में आलू का सूप पीने से बुखार कम होता है और शरीर को अत्यधिक ऊर्जा भी मिलती है।
6. एंटीऑक्सीडेंट व कैंसर विरोधी योगिक –
आलू में एक्टिव एक्सीडेंट होते हैं जो मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से कोशिका को बचाते हैं इसमें kelorogenic एसिड और catechin एसिड भी पाया जाता है जो कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में मदद करता है।
ध्यान देने योग्य-
आलू का उपयोग करते समय सुनिश्चित कर लें, कि वह अच्छी तरह धोए गए हैं और उसमें किसी की या रोग ना हो।
आलू में स्टार्च की मात्रा अधिक होती है इसलिए मधु में रोगियों को इसका सेवन कम करना चाहिए।- तले हुए आलू का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है इसलिए इन्हें कम मात्रा में खाना चाहिए।
- आलू में विटामिन B6 प्रचुर मात्रा में पाई जाती है।
- यदि आपको आलू खाने से एलर्जी है तो इसका उपयोग बंद कर दें और डॉक्टर से सलाह लें।
- उपरोक्त जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है किसी विश्वास से समस्या के लिए डॉक्टर से आवश्यक सलाह लेना जरूरी है।
निष्कर्ष
आलू एक बहुमुखी प्रतिभा वाली सब्जी है,जो स्वादिष्ट, पौष्टिक व्यंजन बनाने के साथ-साथ औषधि के रूप में भी इस्तेमाल की जाती है, यह हर भारतीय के घर में प्रतिदिन के रूप में प्रयोग किया जाने वाला सब्जी है।
मुझे उम्मीद है कि आपको यह ब्लॉक पोस्ट अधिक जानकारी पूर्ण उपयोगी लगी होगी अगर आपके पास कोई प्रश्न या टिप्पणी है तो कृपया नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में लिखें।
Kaupix.com टीम की ओर से धन्यवाद।